डॉ. धर्मवीर यादव
योग विशेषज्ञ, इंदिरा गांधी विश्विद्यालय रेवाड़ी हरियाणा
मोबाइल न.: 9466431860 | ईमेल: dharambiryadav.yogi@gmail.com
मुक्त बेसिक शिक्षा कार्यक्रम के तहत विद्यार्थी अब पहली कक्षा से ही योग विषय का चुनाव कर सकते हैं
जिसका विषय कोड 147 है।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान जिसे सामान्यत ओपन स्कूलिंग के नाम से जाना जाता है जो पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक दूरस्थ और मुक्त शिक्षा प्रदान करता है। इसके तहत विद्यार्थी को पहली कक्षा से ही व्यवसायिक, टैक्निकल और कौशल युक्त शिक्षा प्रदान की जाती है।
योगाचार्य धर्मवीर ने बताया की अब मुक्त बेसिक शिक्षा कार्यक्रम के तहत विद्यार्थी पहली कक्षा से ही योग विषय का चुनाव कर सकता है। जिसका विषय कोड 147 है।
विषय चुनाव के लिए कुल तीन समूह दिए गए हैं । समूह एक में 23 भाषाए विषय है। जिसमें एक भाषा विषय लेना अनिवार्य है। समूह दो में आठ शैक्षिक विषय है, जिसमे कंप्यूटर, पर्यावरण, गणित, सामाजिक, विज्ञान, वेद, भारतीय ज्ञान परंपरा और योग है। इन आठ विषयों में दो विषय लेना अनिवार्य है। इस समूह में 147 कोड के साथ योग विषय का विद्यार्थी चुनाव कर सकता है। समूह तीन में व्यवसायिक विषय हैं,जिसमे एक विषय का चुनाव करना अनिवार्य है।
योग के स्तर और विषय कोड
स्तर (क) का विषय कोड( A 147) है। जो पहली से तीसरी कक्षा तक पढ़ाया जाता है।
स्तर (ख ) का विषय कोड (B 147) है। जो चौथी और पांचवीं कक्षा में पढ़ाया जाता है
स्तर ( ग ) का विषय कोड (C 147) है। जो आठवीं कक्षा तक पढ़ाया जाता है।
पहली और दूसरी कक्षा में इस विषय का प्रायोगिक तौर पर पढ़ाया जाता है। जबकि तीसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक प्रायोगिक परीक्षा के साथ साथ 100 अंक की थ्योरी की परीक्षा होती है। सिलेबस में अष्टांग योग, कर्म योग, भक्ति योग, योगसूत्र, गीता , हठप्रदिपिका के मुख्य विषय, आहार और पोषण, आसन, प्राणायाम, मुद्रा बंध, ध्यान, षटकर्म, त्राटक आदि जीवन उपयोगी विषयों को शामिल किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास करना है। योग के इन सभी अभ्यायसों से बच्चों का अतरिक्त तनाव दूर होता है, लर्निग स्किल डेवलपमेंट होता है, अच्छे संस्कार प्रस्पुठित होते हैं। जिससे बच्चों का समग्र रूप से विकास होता है। अपने साथ साथ समाज और देश का जिम्मेवार नागरिक बनता है।