सीबीएसई के कौशल शिक्षा विभाग के अनुसार अब 11 वीं और 12 वीं कक्षा से ही पढ़ सकेंगे योग विषय को।

डॉ. धर्मवीर यादव
योग विशेषज्ञ, इंदिरा गांधी विश्विद्यालय रेवाड़ी हरियाणा
मोबाइल न.: 9466431860 | ईमेल: dharambiryadav.yogi@gmail.com

सीबीएसई ने कौशल आधारित शिक्षा के तहत और राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 को ध्यान में रखते हुए कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं में योग विषय को बैतौर एक कौशल विषय के रूप में मान्यता दी है।
योग प्रवक्ता डॉक्टर धर्मवीर यादव ने बताया की स्किल शिक्षा विभाग सीबीएसई ने ये बहुत अच्छी पहल की है। वर्तमान में प्रतिस्पर्धा, माता पिता, अध्यापकों और पढ़ाई का अधिक दवाब विद्यार्थियों को अपने पथ से बहुत विचलित कर रहा है। जिससे आज वो आत्महत्या तक का कदम उठाने लगे हैं। योग की विभिन्न विधाओं – आसन, प्राणायाम, मुद्रा बंध, ध्यान, मंत्र, षटकर्म आदि से विद्यार्थी शारीरिक मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनेंगे और सभी चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर सकेंगे।

विद्यार्थियों के वार्षिक परीक्षा के समय जो तनाव होता है उसको कम करने में योग बहुत सहायक होता है साथ ही विद्यार्थी में उत्साह व सकारात्मक सोच विकसित होती है। विद्यार्थी जीवन जीने की कला और कौशल भी सीख जाता है।इस पेपर को पढ़ने से विद्यार्थियों को अनेक फायदे होंगे। विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है। विद्यार्थी अपने जीवन के मूल्यों को समझने लग जाता है।
शरीर स्वस्थ रहेगा और परीक्षा के समय बीमार और तनाव चिंता, अवसाद न के बराबर रहेगा। इस परीक्षा में विद्यार्थी अच्छे अंकों के साथ साथ स्वास्थ्य और भविष्य में रोजगार के अच्छे अवसर भी प्राप्त कर सकता है।
इसलिए भारत में सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालय – केवीएस, जेएनवी, पीएमश्री स्कूल,सैनिक स्कूल , मिलिट्री स्कूल और राज्यों के सरकारी, गैर सरकारी, अर्ध सरकारी स्कूलों में भी ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी योग को नियमित विषय के तौर पर पढ़ रहें हैं।

डॉ. धर्मवीर ने बताया की योग विषय का कोड 841 है। और इस विषय को पढ़ाने के लिए सीबीएसई ने स्किल कोर्स के अनुसार योग्यता भी निर्धारित की है। पीजी डिप्लोमा के साथ 2 साल का अनुभव या यूजी डिप्लोमा के साथ 5 साल का अनुभव या मास्टर डिग्री के साथ 2 साल का अनुभव या एमपीएड और बीपीएड में अनिवार्य योग विषय रहा हो , वही योग शिक्षक पढ़ा सकता है।
योग विषय का पेपर कुल 100 अंकों का होता है। 50 अंक का थ्योरी का पेपर होता है और 50 अंक की प्रायोगिक परीक्षा होती है। थ्योरी जो 50 अंक की होती है उसके दो भाग होते है। पार्ट ए “रोजगार कौशल” है जिसके कुल 10 अंक निर्धारित हैं। पार्ट बी योग कौशल विषय पर आधारित है, जिसके 40 अंक निर्धारित हैं ।

50 अंक के पेपर में दो सेक्शन होते हैं जिसमें कुल 21 प्रश्न होते हैं। 21 प्रश्न में से विद्यार्थी को 15 प्रश्नों के उत्तर निर्धारित दो घंटे में देने होते हैं।
24 अंक के सब्जेक्टिव टाइप (बहुविकल्प) प्रश्न आते हैं। और 26 अंक के ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न आते हैं।

डॉक्टर धर्मवीर के अनुसार 12वीं कक्षा में योग को एक विषय के रूप से पढ़ा हुआ विद्यार्थी बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज (बीएनवाईएस), बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी ( बीएएमएस), यूजी और पीजी योग, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट आदि की पढ़ाई करके योग, प्राकृतिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, वैकल्पिक चिकित्सा, आयुर्वेद में अच्छा भविष्य बना सकते हैं।

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