Dr. Dharambir Yadav

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21 जून को आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रति वर्ष इस कॉमन योग प्रोटोकॉल का करवाया जाता है अभ्यास।

पूरी दुनिया में योग का ज्ञान सही और शुद्ध रूप में पहुंचे इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के द्वारा विख्यात योग विशेषज्ञों के साथ मिलकर प्रार्थना, सूक्ष्म व्यायाम, आसन, प्राणायाम,ध्यान आदि का सामान्य योग अभ्यासक्रम अर्थात् योग प्रोटोकॉल तैयार किया गया। इस योग प्रोटोकॉल को अधिकतम एक घंटे में पूर्ण किया जा सकता है। इस अभ्यासक्रम को किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति आसानी से नियमित अभ्यास कर सकता है। लेकिन प्रारंभ में और रोग विशेष में किसी अच्छे योग शिक्षक के सान्निध्य में ही अभ्यास करना चाहिए।

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छोटे होते श्वास छोटी होती जिन्दगी

श्वास है तो आस है। इसलिए निरंतर प्राण साधना अर्थात विभिन्न प्राणायामों के माध्यम से हम अपने श्वास की गति को कम करके विभिन्न रोगों से बच सकते है। आजकल लोग जल्दी जल्दी बीमार इसीलिए होते हैं की वो लंबा श्वास लेने के अभ्यस्त नहीं है। जिससे शरीर में ऑक्सीजन ठीक से पहुंच नहीं पाति और शरीर की सभी गतिविधियां मंद होने लग जाती है। अंततः शरीर को बीमारी के रूप में इसका कष्ट भोगना पड़ता है।

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