राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस – 18 नवंबर 2024
National Naturopathy Dayके अवसर पर विशेष लेख डॉ. धर्मवीर यादवयोग प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ प्रतिस्पर्धा और
National Naturopathy Dayके अवसर पर विशेष लेख डॉ. धर्मवीर यादवयोग प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ प्रतिस्पर्धा और
प्राचीन मे ऋषि मुनियों का उद्देश्य योग साधना के द्वारा जीवन के परम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त करना था। लेकिन समय के अनुसार योग के मायने बदलते चले गए। इस बदलते परिवेश में आधुनिक युग के कलाकारों ने योग को सर्कस,तमासा, ड्रामा, मनोरंजन, बिज़नेस और अलग अलग प्रकार से पैसे कमाने का जरिया बना दिया है। और इससे आगे क्या होगा इसका कोई अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं ?
21 जून 2015 से अन्तर्राष्ट्रिय योग दिवस के आयोजन के बाद पूरी दुनिया में स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति आ गयी है। बाबा रामदेव के प्रसिद्ध दो प्राणायाम कपालभाति एवं अनुलोम-विलोम जिन्हें बाबा स्वयं ब्रह्मास्त्र कहते है जिन्हें आज हर घर,स्कूल,पार्क ,शहर और गांव में करते हुए देख सकते है। योग के शरीर पर पड़ने वाले सकारात्मक परिणामों को देखते हुए अब लोगों में योग को जानने और उसको नियमित करने की उत्सुकता बढ़ती जा रही है।
आज योग हर घर, हर आंगन और हर व्यक्ति की ज़रूरत बन चुका है। जिसका श्रेय योग ऋषियों, योग आचार्यों, योगगुरुओं, देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एवं योग के प्रति समर्पित व्यक्तियों को जाता है। जिनकी वजह से आज पिछले एक दशक से पूरी दुनिया में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा है।